Sunday 19 April 2015

पहले विपक्ष अपनी हायतौबा की आदत से मज़बूर था, अब कांग्रेस की भी दुश्वारियों की कोई इन्तिहा नहीं दिखती। इसी सोच में दुबले हुए जा रहे हैं कि होनी को कैसे रोका जाय। मोदी जी एक एक करके अपने वायदे अगर पूरा करते गये तो इन विपक्षियों का क्या होगा जो झूठ की राजनीति करते करते अब तक किसी न किसी तरह सत्ता-सुख का उपभोग करते रहे हैं। अब उन्हें एक अनचाहा सा डर सताने लगा है कि अगर मोदी अपने हर मकसद में यूँ ही कामयाब होते गये तो इनका क्या होगा? कांग्रेसियों को अच्छी तरह से पता है कि मोदी ने अगर समय रहते अपने वादों का एक तिहाई हिस्सा भी पूरा कर डाला तो फिर उन्हें हटाना नामुमकिन नहीं तो कम से कम मुश्किल ज़रूर हो जायेगा। इसलिये विरोधियों का पस्त होना लाज़मी है। कांग्रेस ने सरकार से अपने असहयोग को जायज़ ठहराने के लिये जनता के नाम पे विरोध करते रहने की ठान रखी है। मोदी को किसी भी प्रकार नाकामयाब करने की घोर तपस्या शुरू कर दी है। इस नकारात्मक राजनीति को क्या नाम देना चाहेंगे? मोदी को ग़लत साबित करने के लिये मोदी को बुरा साबित मत कीजिये। मोदी जी की नीयत साफ और सही है। जनता समझदार है सब जानती है इसीलिये मोदी को थोड़ा भी वक़्त देना अब विपक्ष को गवारा नहीं हो रहा है? पर ये धीरज तो दिखाना ही होगा क्योंकि जनता ने उन्हें पाँच साल दिया है।