प्रथम
Thursday 13 November 2014
न तेरा घर न मेरा घर, ये है अभी-सुरभि का घर, हो तुझे अनुमति अगर तो ही तू प्रवेश कर। रोकता नहीं कोई सुरील को यहाँ मग़र, क्यों कि ये वही हैं जिनके नाम पर मिला है घर ॥
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