Tuesday 23 December 2014

"कुछ शेर फ़क़्त उनको सुनाने केलिये हैं" - ऐसा एक बड़े शायर का मानना है। मैं इस धारणा को सच मानता हूँ सच के सिवा कुछ और नहीं मानता। चाहूँगा कि आप भी उसी नज़रिये से इस रचना को इंज्वाय करें।


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